मरीज बन कर पहुंचे, रिम्स के दर्जनभर डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस करते पकड़ा

मरीज बन कर पहुंचे, रिम्स के दर्जनभर डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस करते पकड़ा


रांची / रिम्स के दाे एचअाेडी सहित करीब एक दर्जन सीनियर डाॅक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़े गए हैं। हाईकाेर्ट के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की अाेर से गठित विजिलेंस कमेटी ने तीन दिनाें तक इन डाॅक्टराें के अावास अाैर क्लिनिक पर छापेमारी की। कमेटी के सदस्य इलाज कराने के नाम पर मरीज बनकर डाॅक्टराें के यहां पहुंचे। निजी क्लिनिक में मरीजों का इलाज करते हुए डॉक्टरों की रिकाॅर्डिंग की। क्लिनिक में मरीजाें से बात की अाैर फीस अादि के बारे में उनका बयान रिकाॅर्ड किया। यह छापेमारी राजधानी के डाेरंडा, हिनू अाैर मेन राेड इलाके में हुई। छापेमारी की रिपाेर्ट साेमवार काे स्वास्थ्य सचिव काे साैंपी जाएगी। साथ ही हाईकाेर्ट काे भी इसकी रिपाेर्ट दी जाएगी। विजिलेंस कमेटी ने रिम्स प्रबंधन से वहां काम करने वाले सभी डाॅक्टराें के नाम, पते अाैर फाेन नंबर मांगे थे। प्रबंधन की अाेर से 28 पन्नाें में विजिलेंस कमेटी काे यह जानकारी दी गई थी। इस कमेटी ने अपना फोन नंबर भी लोगों से साझा किया था और ऐसे डॉक्टरों के बारे में जानकारी मांगी थी। बड़ी संख्या में लोगों ने इस नंबर पर विजिलेंस को बताया कि कौन से डॉक्टर कहां निजी प्रैक्टिस करते हैं। गौरतलब है कि रिम्स डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस को लेकर हाईकोर्ट ने कई बार तीखी टिप्पणी की है। लेकिन काफी प्रयास के बावजूद भी इस पर रोक नहीं लग पा रही है।


हाईकाेर्ट के निर्देश पर बनी हैै तीन सदस्यीय विजिलेंस कमेटी
शनिचर उरांव की याचिका पर हाईकाेर्ट के जस्टिस एस प्रसाद की अदालत ने विजिलेंस कमेटी बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने विशेष सचिव चंद्रकिशाेर उरांव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई। इसमें झारखंड एड्स कंट्राेल साेसाइटी के उपनिदेशक (सूचना) अनिमेष नचिकेता अाैर चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. एलएन प्रदीप वारा सदस्य बनाए गए। 


प्राइवेट प्रैक्टिस पर है राेक, बदले में रिम्स डाॅक्टराें काे मिलता है एनपीए


रिम्स डॉक्टरों को एनपीए के रूप में मूल वेतन (वेतन+50 फीसदी महंगाई भत्ता) का 25 फीसदी एनपीए दिया जाता है। एनपीए राज्य सरकार के अनुदान से दिया जाता है। एनपीए का भुगतान 2014 में अधिसूचना (संकल्प) जारी होने के साथ ही किया जा रहा है। हालांकि रिम्स के कई डॉक्टर एनपीए लेने के बाद भी प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं।


एक एचअाेडी के यहां नंबर मांगा तो कहा-आज नहीं, कल आइए
एक एचअाेडी डाेरंडा स्थित अपार्टमेंट के नीचे ही प्रैक्टिस करते पाए गए। वहां मरीजाें की लाइन लगी थी। टीम के सदस्य नंबर लेने गए ताे कहा- अभी नहीं मिलेगा, रविवार काे अाइए। टीम ने मरीजाें से बात की ताे पता चला कि माेटी फीस ली गई है। इसी तरह हिनू में रहने वाले एक एचअाेडी के यहां भी टीम ने डाॅक्टर का बयान लिया। वहां एक कार्डियाेलाॅजी विभाग के डाॅक्टर के यहां भी टीम पहुंची।