गठबंधन के तहत चुनाव नहीं लड़ने का पार्टी का निर्णय गलत था: बंधु तिर्की
रांची / मांडर विधानसभा क्षेत्र से झाविमो के नवनिर्वाचित विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि वे शुरू से चाहते थे कि गठबंधन के तहत पार्टी चुनाव लड़े। पार्टी का अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय गलत था। जिसका खमियाजा पार्टी को उठाना पड़ा है। यह बातें तिर्की ने शुक्रवार को होटल लैंड मार्क में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि भाजपा इस चुनाव में कुल 26 आदिवासी सीट में से 24 पर हार गयी। इससे साबित होता है कि सरकार के जल, जंगल एवं जमीन से जुड़ी नीतियों से आदिवासी नाराज थे। सरकार का लैंड बैंक बनाने का निर्णय, सीएनएनटी-एसपीटी में छेड़छाड़, भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन, जीएम लैंड की बंदोबस्ती रद करके लैंड बैंक में जमा करने, गोड्डा में अाडाणी पावर को कृषि योग्य भूमि नियम विरूद्ध देने आदि कई निर्णय थे। जिससे यहां के आदिवासी-मूलवासी नाराज थे। उन्होंने कहा कि गोड्डा में आडाणी पावर द्वारा उत्पादित कुल बिजली बंग्लादेश बेची जाएगी तो हम अपनी जमीन एवं संसाधन क्यों दें। इसलिए सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिए।
भूमि आयोग का होना चाहिए गठन
उन्होंने कहा कि सरकार को जमीन संबंधी सारी समस्याओं को दूर करना चाहिए। क्योंकि यहां अफसरों को यहां की जमीन के नेचर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ऑन लाइन निबंधन बंद करना चाहिए। भूमि आयोग का गठन करके फिर से सारे रिकार्ड एवं जमीन का नेचर तय करना चाहिए। आयोग में झारखंड से जुड़े अफसर एवं एक्सपर्ट का रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड में झारखंडियों का फिर से सर्वे होना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि कितने झारखंडी हैं और कितने बाहरी। यहां के नौकरी एवं रोजगार पर सबसे पहला हक झारखंडियों यानि कि आदिवासी-मूलवासियों का है।
कहा- दिल्ली मॉडल की तरह झारखंड में लागू किया जाना चाहिए शिक्षा नीति
उन्होंने कहा कि झारखंड में दिल्ली मॉडल की तरह शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षा नीति लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली सरकार ने यह दिखा दिया कि सरकारी विद्यालय भी निजी विद्यालय के तर्ज पर चल सकते हैं। सरकार को जल्द से जल्द नयी शिक्षा नीति झारखंडी अस्मिता से जुड़ा बनाना चाहिए और शिक्षकों की कमी को दूर करना चाहिए।